भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (03 दिसम्बर 2014) नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय निशक्तजन दिवस के अवसर पर निशक्तजनों के सशक्तीकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यह पूरी तरह उपयुक्त है कि भारत के लोग अंतरराष्ट्रीय निशक्तजन दिवस को हमारे बीच मौजूद ऐसे व्यक्तियों और हमारे देश के ऐसे परोपकारी संगठनों को सम्मानित करके मना रहे हैं जो हमारे समाज के निशक्तजनों के सशक्तीकरण के लिए खुले दिल से कार्य करते रहे हैं। आज हम उन्हें उनके योगदान तथा भिन्न तरह से योग्य व्यक्तियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए उनके द्वारा अर्पित किए गए समय, संसाधनों तथा ऊर्जा के लिए सम्मानित कर रहे हैं। उन्होंने उनको बधाई देते हुए उनकी मानवीयता के प्रति हार्दिक सराहना व्यक्त की।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह स्वीकार करना जरूरी है कि यद्यपि, एक राष्ट्र के रूप में, हमें अपने धर्म तथा मूल्यों से भिन्न तरह से सक्षम लोगों की जरूरतों के प्रति विशेष रूप से सतर्क और संवेदनशील रहने के संस्कार मिले हैं और यद्यपि हमारी सरकार ने उनके समक्ष मौजूद चुनौतियों के व्यवस्थित समाधान के लिए कई उपाय किए हैं परंतु हमें उनके दैनिक जीवन में सुविधा प्रदान करने के लिए अभी बहुत कुछ करना है। अपने नीति-ढांचे में सुधार के साथ ही हमारे लिए एक बेहतर सुपुर्दगी नेटवर्क भी स्थापित करना जरूरी है।
अपने इस संदर्भ में, एक प्रमुख उपाय शिक्षा है। उन्होंने भिन्न तरह से योग्य व्यक्तियों के आर्थिक सशक्तीकरण के महत्व पर भी जोर दिया।
यह विज्ञप्ति1920 बजे जारी की गई।