भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (14 नवंबर, 2013) सचिन तेंदुलकर को खेल तथा भारत का महान दूत बताया।
उन्होंने कहा कि सचिन एक ऐसे सच्चे आदर्श हैं जिन्होंने देशभर के युवाओं को न केवल अपने भारी रिकार्डों से बल्कि खेल के मैदान में तथा उससे बाहर अपने आचरण से प्रेरणा प्रदान की है। राष्ट्रपति ने कहा ‘‘मैं लाखों प्रशंसकों के साथ सचिन तेंदुलकर की उपलब्धियों की प्रशंसा करता हूं, जो आज से मुंबई में आरंभ हो रहे अपने अंतिम अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच में खेल रहे हैं। जहां तक क्रिकेट का संबंध है, सचिन ने इसे अलविदा कहने का निर्णय ले लिया है परंतु मुझे इसमें कोई संदेह नहीं कि वह खेल तथा देश की सेवा करते रहेंगे।’’
राष्ट्रपति ने ये बातें राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा आयोजित टी-10 क्रिकेट टूर्नामेंट में विजेता टीमों को पुरस्कार प्रदान करते हुए कही। राष्ट्रपति ने सभी खिलाड़ियों तथा विजेताओं को बधाई दी तथा कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि इस टूर्नामेंट का फाइनल उस दिन आयेजित किया गया है जिस दिन पूरा देश प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिवस को बाल दिवस के रूप में मना रहा है। उन्होंने कहा कि यह खास दिन है क्योंकि यह दिन क्रिकेट के महापुरुष सचिन तेंदुलकर द्वारा खेले जा रहे अंतिम अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच का प्रथम दिन है।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें इस टूर्नामेंट द्वारा उत्पन्न उल्लास और हर्ष पर बहुत प्रसन्नता हो रही है। ‘‘वाटरलू की लड़ाई एटन के खेल के मैदान में जीती गई थी’’ नामक कहावत का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि खेलों से चरित्र निर्माण, टीम भावना तथा भ्रातृत्व भाव के विकास में सहायता मिलती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस तरह की खेल प्रतियोगिताओं से राष्ट्रपति भवन समुदाय के सभी सदस्यों में भ्रातृत्व की भावना बढ़ेगी।
राष्ट्रपति भवन का पहला टी-10 टूर्नामेंट मेहरचंद के नेतृत्व में हाउस होल्ड रॉयल्स ने जीता तथा उप-विजेता टीम मेजर अमित भारद्वाज के नेतृत्व में पी बी जी चारजर्स रही। पी बी जी चारजर्स के संदीप कुमार को मैन ऑफ द मैच तथा हाउस होल्ड रॉयल्स के विनोद कुमार का शृंखला का बेस्ट बॉलर चुना गया।
यह विज्ञप्ति 1840 बजे जारी की गई।